-: अध्यात्म, भौतिक विज्ञान की नजर से :- ऊर्जा , ब्रह्मांड , ईश्वर , विद्युत सेल , संवेग , जनरेटर संसार कई अलौकिक तथा अविश्वसनीय वस्तुओं से भरा हुआ है | संसार में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम देख सकते हैं , सुन सकते हैं या स्पर्श कर सकते हैं , परंतु कई ऐसी चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें हम केवल अनुभव ही कर सकते है तथा यह अनुभव ही हमें उन बातों को मानने के लिए बाध्य करता है । भौतिक विज्ञान , वेदों से लिए गए शब्द भौतिकी से है जिसका आशय ‘ प्राकृतिक ’ शब्द से है अर्थात प्रकृति से संबंधित सभी वस्तुएं भौतिक विज्ञान में सम्मिलित की जाती है चाहे वह दृश्य हो चाहे अदृश्य । भौतिक विज्ञान में एक व्यापक शब्द है “ऊर्जा” । क्या होती है यह ऊर्जा ? ब्रह्मांड में किसी भी कार्य के होने के पीछे ऊर्जा ही होती है । ब्रह्मांड में यह ऊर्जा दो प्रकार की होती है , सकारात्मक ऊर्जा तथा नकारात्मक ऊर्जा । वह ऊर्जा जो किसी की सहायता करें , किसी कार्य का संपादन होने दे , जिसके होने से वहां खुशियां हो , वही सकारात्मक ऊर्जा होती है | इसके विपरीत जो किसी का विनाश करें , अहित सोचे , उस ऊर्जा को न